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ऑपरेशन सिलक्यारा कामयाब, 17वीं शाम निकाले गए टनल में फंसे मजदूर

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी के सिलक्यारा में 17वें दिन मंगलवार देर शाम करीब पौने 8 बजे से मजदूरों को निकले जाने का सिलसिला शुरू हो गया। पहले मजदूर विजय के बाहर आते ही सभी ने ‘ भारत माता की जय’ के उदघोष के साथ उसका स्वागत किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह और शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उनका स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। सवा 8 बजे तक 10 श्रमिकों को निकाला जा चुका है। सभी का मौके पर ही मेडिकल चेकअप किया जा रहा है।

इससे पहले दोपहर पाइप मजदूरों तक पहुंचा लिए जाने की जानकारी सामने आने के बाद शाम तब नया मोड़ आ गया, जब एनडीएमए की ओर से दिल्ली में की गई प्रेस कांफ्रेंस में यह सूचना दी गई कि अभी 2 मीटर पाइप और पहुंचाया जाना है। मशीनों की करीब-करीब हार के बाद मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश में ‘रैट माइनर्स’ जुटे। दोपहर टनल में पाइप मजदूरों तक पहुंच जाने की सूचना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी ट्वीट कर दी थी।

इस बीच, मजदूरों को पाइपों के रास्ते बाहर निकालने की तैयारी पूरी हो चुकी है। उन तक 800 एमएम व्यास के पाइप पहुंचने के बाद पाइप के अंदर से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य रेस्क्यू टीमों के प्रशिक्षित जवान मजदूरों तक पहुंचकर उन्हें रोप से बंधे स्ट्रेचर के जरिए बाहर निकालने की तैयारी कर रहे हैं। मजदूरों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंसों को टनल के भीतर बुला लिया गया। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (अप्रा.) वीके सिंह मौके पर ही थे। सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौके पर थे। वे दोपहर पुनः सिलक्यारा टनल में पहुंचे।

अर्नाल्ड डिक्स बैठे बाबा बौखनाग की पूजा में, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी की प्रार्थना

इस बीच, सुबह से ही पूजा-अर्चना और प्रार्थनाओं का दौर तेज हो गया था। मंदिर के बाहर अस्थायी तौर पर बनाए गए बाबा बौखनाग के मंदिर में सुबह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रार्थना की।

स्थानीय लोग और मजदूरों के परिजन भी पूजा-प्रार्थना में जुटे थे कि ऑपरेशन सफल हो। दोपहर आखिरी पाइप को पुश किए जाने की प्रक्रिया शुरू होते ही जाने-माने ऑस्ट्रेलियन टनल विशेषज्ञ और पिछले कई दिन से मौके पर इस ऑपरेशन में तकनीकी परामर्श दे रहे इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन (जेनेवा) के अध्यक्ष अर्नाल्ड डिक्स भी बौखनाग देवता के अस्थायी मंदिर में पहुंचे। उन्होंने वहां कुछ देर तक पूजा-अर्चना की और बौखनाग से सभी श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू की कामना की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातर ले रहे पल-पल का अपडेट

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार ऑपरेशन की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने मंगलवार सुबह पुनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर सिलक्यारा में जारी बचाव कार्य का अपडेट लिया। प्रधानमंत्री सुरंग में फंसे श्रमिकों का कुशलक्षेम जाना। प्रधानमंत्री ने ड्रिलिंग के संबंध में संपूर्ण जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि अंदर फंसे श्रमिकों के साथ ही बाहर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे लोगों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा जाए। इससे पहले सुबह मुख्यमंत्री धामी ने मीडिया से बातचीत में दोहराया था कि सभी श्रमिक पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्हें जल्द ही निकाल लिया जाएगा।

मशीनें फेल हो जाने के बाद बुलाया गया रैट माइनर्स को, इस तरह बनाया रास्ता

12 नवंबर को दिपावली की सुबह टनल का बीच का हिस्सा ढह जाने से 8 राज्यों के 41 मजदूर वहीं फंस गए थे। इन्हें निकालने के लिए चलाए गए ऑपरेशन में कई बार सफलता नजदीक दिखने के बावजूद अचानक अड़चने आती चली गईं। आखिरी चरण में ड्रिलिंग और पाइप पुशिंग कर रही अमेरिकन ऑगर मशीन का बरमा डेमेज हो गया। इसे काफी मशक्कत के बाद काटकर सोमवार शाम तक निकाला जा सका। इसके बाद मदद के लिए रैट माइनर्स को बुलाया गया। रैट माइनर्स इस तरह के जोखिमभरे जटिल काम को अंजाम देने में महारत है। पूर्व में बिछाए गए पाइप के अंदर जाकर रैट माइनर्स ने हाथ से खुदाई शुरू की। उनके साथियों ने खुदाई से निकाले जा रहे मलबे को रस्सियों से बंधी ट्रॉलियों के जरिए पाइप से खींचकर बाहर निकाला। जितनी जगह बनती गई, उसमें ऑगर मशीन के माध्यम से पाइप को पुश किया जाता रहा।

सिलक्यारा में हुई बूंदाबांदी, टनल में एंबुलेंस और रेस्क्यू टीमों का मूवमेंट तेज
दोपहर उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल क्षेत्र में हल्की बूंदाबांदी भी हुई। हालांकि, इससे बचाव कार्य में किसी तरह की बाधा उत्पन्न नहीं हुई। टलन से निकाले जाने के बाद मजदूरों को नजदीकी चिन्यालीसौड़ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और ले जाया जाएगा। एयर एंबुलेंस भी तैयार रखी गई है। किसी मजदूर को आवश्यकता महसूस हुई, तो उसे एयरलिफ्ट करके ऋषिकेश एम्स लाया जाएगा।

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