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प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए धनतेरस पर ‘धनवर्षा’, सरकार ने जारी किया ‘तदर्थ बोनस’ का शासनादेश

देहरादून। प्रदेश सरकार ने दीपावली की दहलीज पर खड़े कर्मचारियों पर धनतेरस के दिन धनवर्षा की है। अराजपत्रित श्रेणी के राज्य कर्मचारियों, राजकीय विभागों के कार्यप्रभारित कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों और जिला पंचायतों के कर्मचारियों के साथ ही कैजुअल व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को वर्ष 2022-23 के लिए तदर्थ बोनस देने की घोषणा की गई है। तदर्थ बोनस का भुगतान नकद धनराशि के रूप में किया जाएगा।

केंद्र सरकार के शासनादेश को बनाया गया है आधार

इस संबध में वित्त विभाग की ओर से शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार के हालिया शासनादेश को आधार बनाया गया है। शासनादेश में कहा गया है कि 17 अक्तूबर को केंद्र सरकार के समूह-ग के कर्मचारियों और समूह-ख के सभी अराजपत्रित कर्मचारियों को वर्ष 2022-23 के लिए 30 दिन की परिलब्धियों के बराबर (अधिकतम 7000 हजार रुपये मात्र) की सीमा निर्धारित करते हुए तदर्थ बोनस स्वीकृत किया गया है।

कार्यप्रभारित कर्मी, स्कूल-प्राविधिक संस्थानों के कर्मी, निकाय-जिला पंचायत कर्मी और दैनिक व वेतनभोगी भी होंगे पात्र

इसी क्रम में राज्य सरकार से सहायता प्राप्त शिक्षण व प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों और जिला पंचायत के समूह-ग व समूह-घ के कर्मचारियों और समूह-ख के सभी अराजपत्रित कर्मचारियों, जिनका ग्रेड वेतन 4800 रुपये (पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में लेवल-8) तक है और जो उत्पादकता से संबद्ध किसी बोनस स्कीम के अंतर्गत नहीं आते हैं, उन्हें कुछ शर्तों के साथ उत्पादकता असंबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) देने की घोषणा की गई है। केवल वे कर्मचारी इन आदेशों के अंतर्गत तदर्थ बोनस के पात्र होंगे, जो 31 मार्च 2023 को सेवा में थे और जिन्होंने उक्त तिथि तक न्यूनतम 6 माह की निरंतर व संतोषजनक सेवा की हो। वर्ष के दौरान 6 महीने से पूरे एक वर्ष तक लगातार सेवा की अवधि के लिए पात्र कर्मचारियों को यथा अनुपात भुगतान किया जाएगा। पात्रता अवधि की गणना सेवा के महीनों (महीनों की निकटतम संख्या में पूर्णांकित संख्या) के रूप में की जाएगी।

ऐसे की जाएगी तदर्थ बोनस की गणना
शासनादेश में कहा गया है कि तदर्थ बोनस की गणना करने के लिए एक वर्ष की औसत परिलब्धियों को 30.4 (एक माह के औसत दिनों की संख्या) से विभाजित किया जाएगा। इसके पश्चात दिए जाने वाले बोनस के दिनों की संख्या से इसको गुणा किया जाएगा। उदाहरण के लिए मासिक परिलब्धियों की उच्चतम गणना सीमा 7000 रुपये ( जहां वास्तविक परिलब्धियां 7000 रुपये से ज्यादा है) मानते हुए 30 दिनों के लिए तदर्थ बोनस 7000 X 30/30.4 = 6,907.89 (पूर्णांकित 6,908 रुपये) होगा। ऐसे कैजुअल दैनिक वर्तनभोगी कर्मचारी, जिन्होंने 6 कार्य दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों में पिछले तीन वर्ष अथवा इससे अधिक वर्ष में हर वर्ष कम से कम 240 दिन (पांच कार्य दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों के मामले में 3 या इससे अधिक वर्ष में हर वर्ष 206 दिन) कार्य किया है, इस तदर्थ बोनस के पात्र होंगे। देय तदर्थ बोनस की राशि रुपये 1200 X 30/304 अर्थात रुपये 1184.21 (पूर्णांकित 1184 रुपये) होगी। ऐसे मामलों में जहां वास्तविक परिलब्धियां 1200 रुपये से कम है, वहां इस राशि की गणना वास्तविक मासिक परिलब्धियों के आधार पर की जाएगी। अवैतनिक अवकाश के मामलों को छोड़कर अन्य प्रकार के अवकाशों की अवधि को पात्रता अवधि की गणना के लिए आगणित किया जाएगा। लेखा वर्ष में निलंबित रहे कर्मियों को यह बोनस देय नहीं होगा। लाभ वाले स्थानीय निकाय व विकास प्राधिकरण के कर्मियों को भी तदर्थ बोनस की धनराशि उक्तानुसार देय होगी, लेकिन इसका भुगतान संबंधित निकाय/विकास प्राधिकरण अपने संसाधन से वहन करेगा। इसके लिए शासन से कोई अनुदान नहीं मिलेगा।

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