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‘स्मार्ट सिटी’ के मसले पर नागरिक संगठन 2 नवंबर को कराएगा ‘संवाद’

देहरादून। दूनघाटी में पिछले कई वर्षों से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। तकरीबन आधा दशक से ज्यादा गुजर जाने के बावजूद देहरादून शहर को स्मार्ट सिटी के तौर पर संवारा जाना तो दूर, बदहाल कर दिया गया है। अब नागरिक संगठन इस मामले में आवाज बुलंद करने जा रहे हैं। दून में सक्रिय संयुक्त नागरिक संगठन ने इस संबंध में पहल की है।

जनसहभागिता सुनिश्चित कराने के लिए संकलित करेंगे सुझाव

संगठन की ओर से ‘स्मार्ट सिटी दून का विकास और जनसहभागिता की अनिवार्यता’ विषय पर 2 नवंबर को संवाद का आयोजन किया जा रहा है। संयुक्त नागरिक संगठन के सचिव सुशील त्यागी ने बताया कि संवाद का मकसद दूनवासियों और यहां सक्रिय विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों से स्मार्ट सिटी के संदर्भ में सुझाव आमंत्रित करना है। इन सुझावों को संकलित करके सरकार तक पहुंचाया जाएगा। 2 नवंबर को पूर्वाह्न 10ः45 बजे से यह आयोजन हरिद्वार रोड पर पुरानी जेल के समीप स्थित सिटी बैंकट हॉल में रखा गया है।

इन प्रमुख संगठनों समेत कई लोगों को किया गया आमंत्रित

सचिव सुशील त्यागी ने बताया कि संवाद में एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल, बैक इंप्लाइज यूनियन के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन मेंदीरत्ता, स्पेक्स के ब्रज मोहन शर्मा, उपभोकता समिति के ब्रिगेडियर (अप्रा.) केजी बहल, रेजीडेंट वेलफेयर एशोसियेशन फ्रंट के देवेंद्रपाल सिंह मोंटी, अपना परिवार संस्था के पुरूषोत्तम भट्ट, मैड संस्था के अभिजय नेगी, आरटीआई क्लब के अमरसिंह धुंता, धाद के तन्मय ममगाई, समानता मंच के विनोद नौटियाल, डालनवाला रेजीडेंट्स वेलफेयर एशोसिएशन के डॉ. अनिल जग्गी, गवर्नमेंट पेंशनर वेलफेयर संगठन के चौ.ओमवीर सिंह, राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदीप कुकरेती, दून सिख वेलफेयर सोसाइटी के अमरजीत सिंह भाटिया, स्वतंत्रता सेनानी-उत्तराधिकारी संगठन के मुकेश शर्मा, दून एक्स सर्विसमैन लीग के बीएम थापा समेत नगर निगम पार्षद, व्यापार मंडल के प्रतिनिधि भी आमंत्रित किए गए हैं। संवाद कार्यक्रम का संयोजक जसबीर सिंह रेनोत्रा को बनाया गया है।

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