उत्तराखंडराजकाज

आंदोलनकारियों के आक्रोश से बैकफुट पर आई प्रवर समिति, अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने 31 को बुलाई बैठक

देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के आक्रोश से बैकफुट पर आई विधानसभा की प्रवर समिति ने 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण संबंधी मामले का जल्द निस्तारण करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। समिति के अध्यक्ष व संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 31 अक्तूबर को समिति की बैठक आहूत की है।

राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने संबंधी मामला वर्तमान में प्रवर समिति के पास है। तीन दिन पहले प्रवर समिति की ओर से मामले को दो माह के लिए लटकाए जाने का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी, जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती आदि के नेतृत्व में आंदोलनकारियों ने समिति के अध्यक्ष व संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के सरकारी आवास पर प्रदर्शन किया था। वहीं, अग्रवाल से हुई वार्ता के दौरान आंदोलनकारियों ने आरक्षण संबंधी मामले को बैठकों की आड़ में लटकाए जाने का आरोप लगाते हुए इसे छल करार दिया। साथ ही दो सप्ताह के भीतर पूरे मामले का निस्तारण करने की मांग की। बाद में वे विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी से भी मिले। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष खंडूरी और प्रवर समिति के अध्यक्ष अग्रवाल ने आंदोलनकारियों को पूरी तरह आश्वस्त किया कि वे संदेह न करें, आरक्षण संबंधी मसला इस बार हर तरह के किंतु-परंतु की गुंजाइश छोड़े बिना हल किया जाएगा। आंदोलनकारियों के सम्मान में किसी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी और न ही उनके हितों से कोई खिलवाड़ होने दिया जाएगा। इसके बाद शुक्रवार को अध्यक्ष अग्रवाल ने प्रवर समिति की 31 अक्तूबर को दोपहर 1ः30 बजे से विधानसभा स्थित कक्ष सं.-120 में बैठक आहूत कर दी है। उन्होंने सभी सदस्यों से बैठक में शामिल होने के लिए कहा है। समिति में भाजपा विधायक विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान व उमेश शर्मा काऊ, कांग्रेस विधायक मनोज तिवारी व भुवन कांपड़ी और बसपा विधायक शहजाद बतौर सदस्य शामिल हैं।

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