दैवीय आपदाआपदा प्रबंधन

मद्महेष्वर मार्ग पर फंसे 52 यात्रियों को एसडीआरएफ ने सुरक्षित निकाला

रूद्रप्रयाग। मद्महेश्वर घाटी में मधुगंगा पर बना पुल नदी के उफान में बह जाने के कारण फंसे 52 यात्रियों को मंगलवार को घंटों चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद एसडीआरएफ ने सुरक्षित निकाल लिया।
बीते 13-14 अगस्त को मद्महेश्वर घाटी में अतिवृष्टि से मधुगंगा नदी उफना गई थी। नदी के उफान के कारण ग्राम गौंडार में मद्ममहेश्वर धाम को जाने वाला करीब 200 मीटर पैदल रास्ता और उसे जोड़ने वाला पुल बह गया था। इससे मद्ममहेश्वर और यात्रा पड़ावों में काफी संख्या में यात्री व अन्य लोग फंस गए। यात्रियों के फंसे होने की सूचना पर एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने हेड कांस्टेबल लक्ष्मण सिंह रावत के नेतृत्व में एक रेस्क्यू टीम को सोमवार को ही यात्रियों को निकालने के लिए रवाना किया।
मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने पाया कि वनतोली के पास पुल और मार्ग ध्वस्त होने के कारण दूसरी ओर काफी लोग फंसे हैं। लेकिन, नदी के उफान के कारण उसे पार कर पाना संभव नहीं था। टीम ने वहीं कैंप किया। 15 अगस्त की सुबह मौसम में कुछ सुधार होने और नदी के जलस्तर में थोड़ा कमी आने पर एसडीआरएफ ने ‘रोप रिवर क्रासिंग मैथड’ का का प्रयोग करते हुए वहां फंसे सभी 52 यात्रियों को एक-एक कर रोप के सहारे हवा में नदी पार कराते हुए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

गौरीकुंड भूस्खलन में लापता लोगों की तलाश जारी, मलबे से किशोरी का शव मिला
वहीं दूसरी ओर, केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के पहले पड़ाव गौरीकुंड में बीते 3 अगस्त की रात्रि भूस्खलन में लापता लोगों की तलाष में एसडीआरएफ लगातार जुटी है। घटनास्थल से करीब दो किलोमीटर नीचे मुनकटिया में मंगलवार को सर्चिंग के दौरान एसडीआरएफ ने मलबे से करीब 13 वर्षीय किशोरी का शव बरामद किया। भूस्खलन में 20 लोग लापता हुए थे। इनमें से 8 लोगों के शव अब तक मलबे से बरामद किए जा चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *