प्रदेश में मूसलाधार बारिश से फिर हाल-बेहाल, सड़कें बंद, मकान ढहे
देहरादून/चमोली/टिहरी/उत्तरकाशी। राजधानी समेत उत्तराखंड के कई हिस्सों में बीती रात से हो रही भारी बारिश के कारण एक बार फिर जनजीवन व्यापक तौर पर प्रभावित हुआ है। नदी-नालों उफान पर आने से उनके किनारे स्थित कई मकान व दुकानें क्षतिग्रस्त हुए हैं। बारिश के कारण गंगा समेत कई प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही हैं, वहीं मलबा आने से कुछ मार्ग अवरूद्ध हो गए हैं। वहीं, चमोली जिले के नारायण बगड़ गांव में गौशाला ढहने से तीन गाय व एक बछड़ा मलबे में दब गए। एसडीआरएफ ने तीनों गायों को मलबे से सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया। बछड़े की मलबे में दबकर मौत हो गई।

दून में भवनों को क्षति, घरों-दुकानों में जलभराव
बारिश के कारण राजधानी देहरादून और आसपास के इलाकों में बुरा हाल है। सोमवार रात शुरू हुई तेज बारिश का सिलसिला मंगलवार दोपहर तक जारी था। सोमवार देर रात भारी बारिश से रायपुर रोड पर अधोईवाला क्षेत्र में बहने वाला नाला उफना गया। इससे शांति विहार और सपेरा बस्ती में चार मकान व चार दुकानों का काफी हिस्सा ध्वस्त हो गया। मौके पर पहुंची रायपुर पुलिस ने लोगों की मदद से घरों में सो रहे लोगों को समय रहते बाहर निकाल लिया, जिससे किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।

वहीं, सोमवार देर रात सुमननगर धर्मपुर के कई घरों में पानी भरने से लोगों का सामन खराब हो गया। नेहरू कॉलोनी पुलिस ने लोगों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। बारिश के कारण रिस्पना पुल और एलआईसी के बीच हरिद्वार रोड कई फीट पानी में डूब जाने से उत्पन्न जाम की स्थिति से निपटने के लिए भी पुलिस को घंटों जूझना पड़ा। राजधानी के ही तिलक रोड और आराघर क्षेत्र में सड़क किनारे दीवारें गिरने से कुछ वाहनों को क्षति पहुंची है।

श्रीनगर डैम से छोड़ा गया पानी, टिहरी जिले में डूबे गंगाघाट
टिहरी जिले के देवप्रयाग में अलकनंदा में आए उफान से गंगा का जलस्तर बढ़ गया। इसके चलते कोड़ियाला, शिवपुरी, मायाकुंड, त्रिवेणी तक गंगा किनारे मुनादी कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। देवप्रयाग में जलस्तर बढ़ने से अलकनंदा और भागीरथी के संगम पर बने घाट पानी में डूब गए। गंगा के जलस्तर में यह उफान श्रीनगर स्थित डैम से मंगलवार सुबह अलकनंदा में छोड़े गए 3000 क्यूमैक्स अतिरिक्त पानी के कारण आया। टिहरी जिले के अधिकांश ब्लॉकों में मूसलाधार बारिश की खबर है। जिले में त्यूणी-चकराता-मसूरी-नई टिहरी-मलेथा राजमार्ग कैंप्टी बाजार और मसूरी-देहरादून के बीच जेपी मोड़ पर सुबह बंद रहा। जिले की तहसील धनोल्टी के ग्राम किमोई में रात्रि एक व्यक्ति की गोशाला क्षतिग्रस्त होने से 4-5 बकरियां मलबे में दब गईं।

उत्तरकाशी में मलबे की चपेट में आकर वाहन खाई में गिरा
उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री हाईवे भी कई जगह मलबा आने से बंद हुआ, जिसे खोल दिया गया। जिले में मनेरी के नजदीक मंगलवार सुबह पहाड़ी से आए मलबे की चपेट में आकर एक लोडर खाई में गिर गया। हालांकि, लोडर चालक के पहले ही बाहर कूद जाने के कारण जनहानि नहीं हुई।

कंट्रोल रूम पहुंचे सीएम धामी, सभी जिलों से लिया फीडबैक
प्रदेश में भारी बारिश से जिलों में उत्पन्न हालात का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार सुबह सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम पहुंचे। वहां से उन्होंने सभी जिलों के डीएम से बात करके स्थिति की जानकारी ली। साथ ही निर्देश दिए कि हर चुनौती का सामना करने के लिए प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा जाए। मुख्यमंत्री ने किसी भी आपदा की स्थिति में लोगों को त्वरित राहत देने के लिए पूरी तैयारी रखने को भी कहा। साथ ही जिलों में पर्याप्त खाद्य सामग्री, दवाओं और अन्य आवश्यक सामग्री की पूरी व्यवस्था रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सड़क, विद्युत, पेयजल व्यवस्थाएं बाधित होने की दशा में तत्काल इन्हें सुचारू करने को कहा। इस दौरान कंट्रोल रूम में धामी ने आपदा प्रबंधन सचिव को हरिद्वार जिले के लक्सर, खानपुर और प्रदेश के अन्य ऐसे स्थानों, जहां कम बरसात के बावजूद जलभराव की समस्या आ रही हैं, वहां के लिए ड्रेनेज की उचित व्यवस्था करने को दीर्घकालिक प्लान बनाने के निर्देश दिए। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा, अपर सचिव सविन बंसल, एसीईओ आपदा प्रबंधन रिद्धिम अग्रवाल व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

