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राजधानी में शुरू हुआ मोटे अनाज पर आधारित चार दिवसीय श्रीअन्न महोत्सव

देहरादून। मिलेट्स (मोटे अनाज) पर आधारित चार दिवसीय श्रीअन्न महोत्सव शनिवार से हाथीबड़कला स्थित सर्वे स्टेडियम में आरंभ हो गया।  इसमें प्रदेशभर से काफी संख्या में किसान हिस्सा ले रहे हैं। श्रीअन्न महोत्सव का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से न केवल मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे किसानों को भी मोटे अनाजों से संबंधित आवश्यक जानकारियां प्राप्त होंगी।

धामी ने कहा कि देश में वर्ष-2023 को ’मिलेट्स ईयर’ के रूप में मनाया जा रहा है। ’श्रीअन्न’ केवल खेती या खाने तक सीमित नहीं हैं, जहां ’श्री’ होता है, वहां समृद्धि भी होती है, समग्रता होती है और विजय होती है। इसलिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिलेट्स को ’श्री अन्न’ की संज्ञा दी है। ’श्री अन्न’ देश में समग्र विकास का माध्यम बन रहा है। इसमें गांव और गरीब जुड़ा है और अब देश का प्रत्येक नागरिक भी इससे जुड़ रहा है।

राज्य में प्राकृतिक कृषि बोर्ड का होगा गठन : सीएम 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र में मिलेट की खेती को प्रोत्साहित कर रही है। राज्य के पर्वतीय जिलों के कृषकों से मंडवा, झिंगोरा, चौलाई जैसे मोटे अनाजों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कर रही है। साथ ही किसानों को इसका ऑनलाइन भुगतान भी किया जा रहा है। इससे न सिर्फ किसानों की आय में बढ़ोतरी हो रही है, बल्कि मिलेट उत्पादों के उत्पादन हेतु किसान प्रोत्साहित भी हो रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य में ’मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना’ व ‘नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कॉरिडोर योजना’ के मध्यम से अधिक से अधिक कृषि क्षेत्र को प्राकृतिक कृषि के अंतर्गत आच्छादित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन और नियमित मॉनिटरिंग व प्लानिंग के लिए ‘राज्य प्राकृतिक कृषि बोर्ड’ का गठन किए जाने का प्रस्ताव है। किया जाना भी प्रस्तावित है।

उत्तराखंड मोटे अनाजों की राजधानी: शाही

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में प्राचीन काल से ही श्रीअन्न की खेती होती थी। उत्तराखंड मोटे अनाजों की राजधानी रही है। उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य में मिलेट्स के क्षेत्र में लगातार कार्य हो रहे हैं। राज्य में मोटे अनाजों की उपज बढ़ रही है। जैविक खेती के क्षेत्र में भी राज्य में अच्छा कार्य हो रहा है। साल-2025 तक मिलेट्स और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में उत्पादन को दुगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।

 

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