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स्वास्थ्य पर पारंपरिक चिकित्सा और योग के प्रभाव के बारे में की चर्चा

ऋषिकेश। ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टिट्यूट (एम्स) ऋषिकेश और एसजीआरआर विश्वविद्यालय के इनोवेशन एंड इन्कुवेशन सेंटर (आईआईसी) की और से संयुक्त रूप से ‘पारंपरिक चिकित्सा और योग के माध्यम से पूर्ण शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य’ विषय पर यूथ-20 सम्मेलन आयोजित किया गया।

सम्मेलन में एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ डॉ. संतोष कुमार, एम्स दिल्ली के न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. दीपक जोशी, श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल के कैंसर विशेषज्ञ डॉ. पंकज गर्ग और एसजीआरआर विश्वविद्यालय के योग विभाग के डॉ. अनिल थपलियाल बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए।

सम्मेलन का शुभारंभ एसजीआरआर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. यशवीर दीवान, कुलसचिव डॉ. अजय कुमार खंडूरी, डायरेक्टर एकेडमिक डॉ. कुमुद सकलानी, डीन एकेडमिक मालविका कांडपाल ने किया।

इस अवसर पर आईआईसी के निदेशक प्रो. द्वारिका प्रसाद मैठाणी ने कहा कि हमें पारंपरिक औषधियों और श्रीअन्न को भी अपने जीवन में शामिल करना चाहिए। एम्स ऋषिकेश के डॉ. संतोष कुमार ने युवाओं का आह्वान किया कि उन्हें मन, मस्तिष्क और शरीर के संतुलन को बनाए रखना चाहिए, जिससे उनकी दिनचर्या के सभी कार्य आसानी से हो सकें। डॉ. पंकज गर्ग ने कैंसर के कारण, प्रभाव और बचाव की जानकारी दी। आईआईटी के प्रो. दीपक जोशी ने मानसिक योग और डॉ. अनिल थपलियाल ने  प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व पर प्रकाश डाला। सम्मेलन का संचालन स्कूल ऑफ बेसिक एंड अप्लाइड साइंस की छात्रा वंशिका गैरोला, कृति सैनी, सुषमा और प्रियंका ने किया ।

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