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सिलक्यारा टनल में पांच दिन से ‘कैद’ 40 जिंदगियां पूरी तरह सुरक्षित, इंस्टॉल होने के बाद अर्थ आगर मशीन ने शुरू की ड्रिलिंग और पाइप पुशिंग

उत्तरकाशी। बड़कोट और धरासू के बीच यमुनोत्री-गंगोत्री के बीच की दूरी कम करने के लिए सिलक्यारा क्षेत्र में ध्वस्त हुई निर्माणाधीन टनल में 40 मजदूर पांच दिन बाद भी कैद हैं। हालांकि, सभी पूरी तरह सुरक्षित बताए गए हैं। पांचवें दिन वीरवार दोपहर तक राहत भरी खबर यह है कि दिल्ली से भेजी गई जैक एंड पुश अर्थ आगर मशीन को इंस्टॉल कर लिए जाने के बाद मशीन ने ड्रिलिंग और पाइप पुशिंग भी शुरू कर दी है। फिलहाल पूरी प्रक्रिया संतोषजनक ढंग से चल रही है। कोई अड़चन न आने की स्थिति में देर रात अथवा शुक्रवार तक टनल में मलबे के दूसरी ओर फंसे मजदूरों तक पहुंच बन जाने की उम्मीद की जा रही है।

केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह पहुंचे हालात की समीक्षा को
वीरवार दोपहर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (अप्रा.) वीके सिंह सिलक्यारा पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों से वार्ता कर वहां टनल में हुए हादसे की वजहों को जानने की कोशिश की। साथ ही वहां फंसे लोगों को बचाने के लिए संचालित ऑपरेशन की अब तक की प्रगति की समीक्षा की। केंद्रीय राज्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि मौके पर जो भी जरूरी था, वह भेजा गया है। सभी को सुरक्षित निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है।

डीजीपी अशोक कुमार भी पहुंचे स्पॉट पर, बोले- सभी मजदूर 100 प्रतिशत सुरक्षित

टनल दुर्घटना के पांचवें दिन प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार भी स्पॉट पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। बाद में मीडिया को डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि केंद्र और प्रदेश की सभी एजेंसियां जो भी बेस्ट पॉसिबिल एफर्ट्स हो सकता है, वह कर रही हैं। इस समय सबसे जयादा जरूरी यह है कि संयम और विश्वास रखा जाए। समय लग सकता है। हो सकता है, दो दिन में सफलता मिल जाएग। हो सकता है, फिर अड़चन आ जाए, लेकिन जो बेस्ट पॉसिबिल एफर्ट्स हैं, वह किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टनल में फंसे सभी लोग शत-प्रतिशत सुरक्षित हैं और उनका मनोबल भी ऊंचा है। हम सबको सकारात्मक भूमिका निभाते हुए, उनके मनोबल को बनाए रखना है।

अन्य एजेंसियों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना और वायुसेना भी हुई इन्वॉल्व

गौरतलब है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अब सेना और वायुसेना को भी इन्वॉल्व किय जा चुका है। मंगलवार रात जब प्रदेश सरकार के स्तर से किए जा रहे प्रयास सफल नहीं हो पाए, तो घटना पर निरंतर निगरानी बनाए रख रहा पीएमओ भी एक्टिव हुआ। इसके बाद केंद्र ने वायुसेना के मालवाहक विमान हरक्युलिस से 25 टन वजनी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन को दो पार्ट में उत्तरकाशी भेजा। दोनों विमान मशीन को लेकर चिन्यालीसौड़ एयरस्ट्रिप पर उतरे और वहां से प्रशासन ने मशीनों के पार्ट्स को त्वरित गति से पहुंचाने के लिए चिन्यालीसौड़ से सिलक्यारा तक हाईवे पर ‘ग्रीन कॉरिडोर’ बनाया। टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए थाईलैंड और नॉर्वे की एक्सपर्ट एजेंसियों से भी परामर्श लिया गया है। थाईलैंड की उस एजेंसी से मदद मांगी गई, जिसने विगत वर्ष अपने यहां टनल में फंसे बच्चों को सुरक्षित निकाला था। फिलहाल, राहत एवं बचाव कार्य में कर्नल दीपक पाटिल की अगुआई में सेना की टीम भी शामिल है। इनके अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, फायर सर्विस, आईटीबीपी, बीआरओ, रेल विकास निगम समेत तमाम स्टेट एजेंसियों के जवान व कार्मिक भी ऑपरेशन में लगाए गए हैं। एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा स्थानीय प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के साथ खुद चौथे दिन भी मौके पर हैं।

राजधानी में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठ कर की समीक्षा

दूसरी ओर, राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक करके हालात की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी सभी टेक्निकल एजेंसियों को हर संभव सहयोग दिया जाए। गढ़वाल कमिश्नर को मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि रेस्क्यू कार्य में किसी भी प्रकार से विलंब न हो। मौके पर कार्य कर रही एजेंसियों को राज्य की तरफ़ से सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय व सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी मौजूद रहे।

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