उत्तराखंड में 1238 स्कूल बनेंगे सभी सुविधाओं से लैस क्लस्टर विद्यालय
देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एसएस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में क्लस्टर स्कूलों के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत संचालित क्लस्टर विद्यालयों में पठन-पाठन से संबंधित मूलभूत सुविधाएं विकसित कर इन्हें उत्कृष्ट शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि क्लस्टर स्कूलों में समुचित मात्रा में शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। साथ ही प्रत्येक स्कूल के लिए आने वाले समय में अधिकतम छात्र संख्या के अनुरूप मास्टर प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने इन स्कूलों में समुचित क्लास रूम, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब और अन्य प्रयोगशालाओं आदि की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। छात्र-छात्राओं को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के लिए भी मुख्य सचिव ने कहा। यह कमेटी छात्र-छात्राओं को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के एवज में लिए जाने वाला तय करने के लिए अधिकृत होगी। कमेटी में परिवहन विभाग, पीडब्ल्यूडी, जिला शिक्षा अधिकारी, एसपी शामिल रहेंगे।
छोटे पहाड़ी शहरों में बनेंगे आवासीय विद्यालय
मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसे स्कूल, जो अत्यधिक दूर हैं और बच्चे इतनी दूर आवाजाही नहीं कर सकते, वहां आवासीय स्कूलों की व्यवस्था की जाए। आवासीय स्कूलों को पर्वतीय जिलों के छोटे शहरों में खोला जा सकता है। ऐसे में उन आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों को अपने परिवार के साथ रहने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में एक नहीं, बल्कि 5 से 7 आवासीय विद्यालय होने चाहिए। बैठक में शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने बताया कि प्रदेशभर में माध्यमिक स्तर पर कुल 559 स्कूलों को क्लस्टर विद्यालयों के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी प्रकार प्राथमिक में 603 और पूर्व माध्यमिक में 76 स्कूलों को चिह्नित किया गया है। इनकी डीपीआर तैयार की जा रही है। बैठक में महानिदेशक (माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षा) बंशीधर तिवारी, अपर शिक्षा सचिव योगेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।

