उत्तराखंड

मुख्य सचिव ने फायर अलर्ट पर तत्काल रिस्पांस करने के दिए निर्देश

देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने राज्य स्तरीय वनाग्नि संकट प्रबंधन सेल की बैठक में फायर अलर्ट पर तुरंत रिस्पांस देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नवनाग्नि को रोकने के लिए राज्य स्तरीय वनाग्नि संकट प्रबंधन सेल की बैठक हर वर्ष फरवरी माह में आयोजित कर ली जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जंगलों में लगने वाली आग एक बहुत बड़ा मुद्दा है जिसे बहुत ही गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। जंगलों में लगी आग को रोकने के लिए स्थानीय लोगों का अधिक से अधिक सहयोग लिया जाए। इसके लिए उन्हें किसी प्रकार का प्रोत्साहन भी दिया जा सकता है। उन्होंने इसमें गैर सरकारी सामाजिक संस्थाओं को भी शामिल करने को कहा।

मुख्य सचिव ने आग बुझाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि वनों में आग लगने के कारणों में पिरूल प्रमुख है। इसके लिए जंगलों से पिरूल के निस्तारण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने पिरूल से पैलेट्स तैयार कर खाना बनाने के ईंधन के रूप में प्रयोग करने को बढ़ावा देने के लिए कहा। उन्होंने मिड डे मील में बनने वाले भोजन के लिए पिरूल के पैलेट्स को चूल्हे में ईंधन के तौर पर उपयोग करने के लिए कहा। बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, वन विभाग के प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक व सचिव विजय कुमार यादव सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे

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