उत्तराखंडराजधानी

पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन को जोड़ने के लिए रोप-वे की योजना पर ब्रेक, पीआरटी पर जोर

देहरादून।मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बुधवार को सचिवालय में उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन की ‘विस्तृत गतिशीलता योजना’ के संबंध मे अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने मोबिलिटी प्लान के अंतर्गत पंडितवाड़ी से रेलवे स्टेशन को जोड़ने के लिए रोप-वे के सुझाव की जगह ऐसे क्षेत्रों को जोड़ने के लिए पर्सनल रेपिड ट्रांसिस्ट (पीआरटी) को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।

अजबपुर आरओबी के लिए सभी सर्वे जल्द निपटाएंः सीएस
मुख्य सचिव ने देहरादून शहर की ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए विस्तृत गतिशीलता प्लान के अंतर्गत शीघ्र लागू किए जा सकने वाले सुझावों पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को उन्होंने अजबपुर माता मंदिर मार्ग से हरिद्वार बाईपास को जोड़ने वाले रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) के लिए सभी प्रकार के सर्वे तेजी से कराने को कहा। देहरादून की डीएम को सभी चौराहों पर स्मार्ट सिग्नल लगाने और सार्वजनिक परिवहन को अधिक से अधिक सस्ता करने के भी निर्देश दिए।

अलग-अलग दिन तय हो बाजारों की साप्ताहिक बंदी
मुख्य सचिव ने राजधानी के बाजारों की साप्ताहिक बंदी अलग-अलग दिन तय करने, मुख्य मार्गों के आसपास खाली प्लॉट्स को पार्किंग के रूप में प्रयोग करने के लिए प्लॉट स्वामियों से संपर्क करने को भी कहा। साथ ही सरकारी कार्यालयों की पार्किंग को ऑफिस बंद होने के बाद प्रयोग करने की व्यवस्था करने पर भी उन्होंने जोर दिया। मुख्य सचिव ने एमडीडीए से नक्शे स्वीकृत कराते समय यातायात प्रभाव आंकलन को शामिल करने की अनिवार्यता के भी निर्देश दिए। बैठक में सचिव आवास एसएन पांडेय, देहरादून की डीएम सोनिका, एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी, एसपी ट्रैफिक अक्षय प्रह्लाद कोंडे, उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी जितेंद्र त्यागी मौजूद रहे।

हरिद्वार-ऋषिकेश को जोड़ते हुए बाईपास योजना के निर्देश
वहीं एक अन्य बैठक में मुख्य सचिव ने ऋषिकेश और हरिद्वार शहर के बाईपास मार्गों के संबंध में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अधिकारियों को ऋषिकेश व हरिद्वार को जोड़ते हुए संयुक्त रूप से योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए। मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार और ऋषिकेश अलग-अलग शहर होने के बावजूद उनका ट्रैफिक प्लान अलग-अलग नहीं बनाया जा सकता। इन दोनों शहरों को जोड़ते हुए संयुक्त प्लान पर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि इन सड़कों को कम से कम अगले 50-60 सालों के यातायात संतुलन को देखते हुए तैयार किया जाना चाहिए।

 

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